शनिवार, 2 जनवरी 2010

बोले तू कौनसी बोली ? ५


कई किस्से ऐसे हैं, जो मै कभी लिख नही पाऊँगी...! कहना कुछ चाह रही थी, और कहा कुछ...! वो भी भरी महफिल मे!सुनने वाले तो पेट पकड़ के हँस रहे थे, और मुझे लग रहा था, कि, ज़मीं मे गड़ जाऊँ! तो ऐसी बातों को छोड़ के आगे बढ़ती हूँ...!

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