रविवार, 21 जून 2009

बोले तू कौनसी बोली ? ५

कई किस्से ऐसे हैं, जो मै कभी लिख नही पाउंगी...! कहना कुछ चाह रही थी, और कहा कुछ...! वो भी भरी महफिल मे!
सुनने वाले तो पेट पकड़ के हँस रहे थे, और मुझे लग रहा था, कि, ज़मीं मे गड़ जाऊँ! तो ऐसी बातों को छोड़ के आगे बढ़ती हूँ...!

कुछ बातों का मज़ा लिख के नही लिया/दिया जा सकता...उन्हें सुनना ही ज़रूरी होता है...तो ऐसी बातें भी फेहरिस्त से हट गयीं...!खैर !

एक अंग्रेजी मध्यम मे पढ़ रहे बच्चे को, उसकी ११ वी की परीक्षा को मद्दे नज़र रख, हिन्दी पढ़ाने/सिखाने की कोशिश कर रही थी...
अपनी पाठ्य पुस्तक मे से वो कुछ संस्मरण पर लेख पढ़ रहा था...एक ख़ास शब्द सुना तो मै ज़ोर से हँस पड़ी..."हमस फर"!.....मैंने कहा," फिर एक बार पढो...."!
उसने दोबारा वैसे ही पढा...
मैंने वही बात दोहराई...! वो परेशान होके मुझ से बोला," आप किताब मे देख भी नही रहीँ, और मुझ से कह रहीँ हैं, दोबारा पढो...मै जो पढ़ रहा हूँ, वही लिखा है..!"
"हाँ ! पता है, लेकिन तुम्हारा उच्चारण ग़लत है...!",मैंने बिना किताब देखे ही उसे बताया...
" होही नही सकता..!"उसने बहस करनी शुरू कर दी...!
"अच्छा ? तो फिर इस शब्द का मतलब मुझे बताओ,"मैंने कहा...
"मतलब तो मुझे नही पता..मतलब पता होता तो आपके पास पढने क्यों आता?" उसने शरारती तरीक़े से प्रतिप्रश्न किया!
ये बच्चा था, मेरी बहन का बेटा...!
मैंने, अपनी बहन को फोन लगाया और कहा," तुम एक शब्द का मतलब बता सकती हो?"
"मै? कमाल है? ऐसा कौनसा शब्द होगा जिसका अर्थ मुझे आता हो और आपको नही!"उधर से फिर एक सवाल हुआ...!
"अच्छा, कोशिश तो करो....!"कह के मैंने वही शब्द दोहराया...
"क्या कहा? ये भी कोई शब्द है? ना बाबा...मुझे नही समझ मे आ रहा...और आप इतना हँस क्यों रहीँ हैं?"उसने हैरानी से पूछा !
"तेरा बेटा जो पढ़ रहा है...!अच्छा, अब सुन...मै तुम दोनों को एक साथ ही बताती हूँ...! वो उस शब्द का संधी विच्छेद ग़लत कर रहा है...अब तो मैंने पोल खोल दी...अब तो बता...!"मैंने फिर एक बार अपनी बहन से पूछा...

"ऐसा कौन-सा शब्द हो सकता है? अभी, बता भी दीजिये...! मेरे पेट मे खलबली मच रही है", बहना बोली...
"अरे बाबा, शब्द है,' हम सफ़र'.....",अंत मे मैंने उसे बता ही दिया...और वो भी खूब ज़ोर ज़ोर से ठहाके के साथ हँस पड़ी....

लेकिन उसके सुपुत्र ने पूछा," हम सफ़र? उसका क्या मतलब ? मै तो अभी भी नही समझा...!'हम तकलीफ दे रहे हैं' ऐसा मतलब होता है इसका?"

अब की बार मेरी बोलती बंद हो गयी...!
मै भूल गयी,कि, ऐसे कई शब्द तो मै हिन्दी गीत सुनते सुनते सीख गयी थी....! किसी ने सिखाया तो नही था...! और ये बच्चे कभी हिन्दी गीत सुनते ही नही थे...!

ऐसे कई क़िस्से इस बच्चे के साथ हुए...! क़िस्से तो बहुतों के साथ हुए, लेकिन, मराठी तथा अंग्रजी भाषा, एक साथ जब तक पढने वाले ना जाने, बयान करना मुश्किल है....फिर भी अगली बार कोशिश ज़रूर करूँगी...!
उपरोक्त क़िस्सा भी जो लिखा, उसे सुनने मे अधिक मज़ा आता है...हिन्दी भाषिक पढ़ते समय तुंरत समझ जाते हैं....!

13 टिप्‍पणियां:

  1. रोचक किस्सों का किस्सा लग रहा है . आनंद आ गया .

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  2. बहुत बढिया.......रोचक.....सुन्दर प्रस्तुतिकरण्

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  3. Hindi mein likha nahin ja raha hai. majedaar rahi. ham safar se ham suffering

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  4. Bahut dilchasp kissa. Bahut achchhe se apne bayan kiya.
    Bahut Achchha laga

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  5. Jee haan ! Subramaniam ji..maine ek baar hanste hanste kaha tha, :hamne barson ek saath 'suffer' kiya hai...train mebhi kya, hawayi jahaz me kya...aur zindagee kee rahon me kya...suffering hee suffering!
    Ab is baat pe hansnaa mat! "pun" intended on the word! safar..!

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  6. आपकी लेखनी का ही हुनर है कि पढ़ने वाला संजीदा हो जाता है, दुखी हो जाता है, हंसने या रोने लगता है. पुरानी यादों को सुनाकर लोगों को हंसने-मुस्कुराने के लिए बाध्य कर देना तो नाचीज़ को भी आता है लेकिन लिख कर हँसाना, बड़ी टेढ़ी खीर है भाई! आपकी कलम सलामत रहे, आप दुःख-चिंताओं से मुक्त रहें और ऐसे ही सभी को अपनी यादों के खजाने से धनी बनाती रहें, यही दुआ है .

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  7. हम तो कहें हैं कि आप बेस्ट हो जी!

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  8. मजेदार है..हाँ, सुनने में और मजा आता. :)

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